Mandir – Munsi Premchand ki Kahani (मन्दिर – मुंशी प्रेमचंद की कहानी)
मन्दिर मातृ-प्रेम, तुझे धन्य है ! संसार में और जो कुछ है, मिथ्या है, निस्सार है। मातृ-प्रेम ही सत्य है, …
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