कुण्डलिनी-जागरण के आत्मिक लाभ की अभिव्यक्ति शब्दों में तो नहीं की जा सकती। हाँ, इतना अवश्य कहा जा सकता है, कि यह एक पूर्ण आनन्द की...
जब भी आप प्राणायाम करें, आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए। इसके लिए आप किसी भी ध्यानात्मक आसन में बैठ जायें। जैसे: सिंद्धासन, सुखासन, वज्रासन...
प्राणायाम में उपयोगी बंधत्रय योगासन, प्राणायाम एवं बंधों के द्वारा हमारे शरीर से जिस शक्ति का बर्हिगमन होता है, उसे हम रोककर अंतर्मुखी करते हैं। बंध...
प्राणायाम शुद्ध सात्त्विक निर्मल स्थान पर करना चाहिए। यदि संभव हो तो जल के समीप बैठकर अभ्यास करें। शहरों में जहां प्रदूषण का अधिक प्रभाव होता...
प्राण का आयाम (नियंत्रण) ही प्राणायाम है। हमारे शरीर में जितनी भी चेष्टाएँ होती हैं, सभी का प्राण से प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध है। प्रतिक्षण जीवन...
प्राण-साधना प्राण का मुख्य द्वार नासिका है। नासिका-छिद्रों के द्वारा आता-जाता श्वास-प्रश्वास जीवन तथा प्राणायाम का आधार है। श्वास-प्रश्वास-रूपी रज्जु का आश्रय लेकर यह मन देहगत...
मनुष्य की आत्मा 5 कोशो के साथ संयुक्त है जिन्हें पंच शरीर भी कहते हैं यह पंचकोश निम्नलिखित हैं अनम्य कोश : यह पांच भौतिक स्थूल...
प्राण का अर्थ एवं महत्व : पंचतत्व में से एक प्रमुख तत्व वायु हमारे शरीर को जीवित रखती है और वात के रूप में शरीर के...